Wednesday, September 5, 2012

40 वर्ष क बाद भेटल मिथिलेश

आई दिन में एकटा सुखद संयोग भेल। करीब 40 वर्ष क बाद मिथिलेश सं संपर्क भेल। मिथिलेश आ हम दरभंगा क पीतांबरी बंगाली मिडिल स्कूल में संगहि पढ़ैत रही। 1971 में बाबा क देहांत क बाद हम रांची चल अयलहुं आ ओकरा सं संपर्क खतम भय गेल। पछिला 25 वर्ष सं ओकरा तकैत छलहुं, इंटरनेट पर, दरभंगा में अपने परिचित क द्वारा आ अन्य माध्यम सं। आई फेसबुक पर ओकर प्रोफाइल देखल, तं पत्रकारीय गुण क उपयोग कय ओकर फोन नंबर भेटल। तखन ओकरा सं गप्प भेल, करीब आधा घंटा। एके बेर जेना मोन हल्लुक भय गेल, एतेक पुरान मित्र सं गप्प भेलाक बाद। मिथिलेश के सेहो ओतबे प्रसन्नता भेलैक।
अस्तु, हम सभ जखन छठा क्लास में पढ़ैत रही, एके संगे अध्ययन करी। परीक्षा क तैयारी एके संग करी। मिथिलेश पढ़बा में हमरा से तेज रहय। ओ एखनि इंजीनियर अछि, संप्रति गोपालगंज में पदस्थापित अछि। निजी कंपनी में महाप्रबंधक।
मिथिलेश सं संपर्क भेला क बाद आब उदय क खोज अछि। उदय सेहो हमरा सबहक संग पढ़ैत रहय। राजकुमारगंज में ओकर डेरा छलैक।
फेसबुक क महत्व आई बुझबा में आयल। अपन वाल पर पोस्ट सेहो कयल अछि। आई एतबे।