Wednesday, December 12, 2007

...आ ओ हमरा सभ के छोड़ि चल गेलीह

नाम छलैन्हि अंजू. हमर सबसे छोट पिसिया, जिनका हम अपन दीदी कहैत छियैन्हि, क जेठ बेटी छलखिन्ह. हमरा सं किछुए दिनक पैघ रहथि. बाबा हमर आ अंजू क नाम बंगला स्कूल में तेसर कक्षा में लिखा देलैन्हि. स्कूल क नाम रहैक पीतांबरी बंगाली मिडिल स्कूल. ताबत तक बाबा क डेरा राजकुमार गंज से नौ नंबर, अर्थात नौ, गिरिंद्र मोहन रोड में आबि गेल रहैन्हि. हम आ अंजू खाली भाई-बहिन नहिं, अभिन्न संगी आ एक-दोसर क पूरक रही. कखनो एसगरे नहिं रही. एके थारी में खेनाई आ संगे स्कूल गेनाई-एनाई. किछुए दिन भेल रहय स्कूल गेनाई. एक दिन अंजू के मोन खराब भेलैन्हि. संतोष चाचा (डा सतींद्र मोहन मिश्र) हुनका देखलखिन्ह. दवाई पड़लैन्हि. ओहि दिन हमहू स्कूल नहिं गेलहुं. डेरा पर लड़का-लड़की-शहर-सिनेमा खेलाइत रही. अंजू दोसरो दिन दुखित छलीह. तखनि हुनका दोसर डाक्टर से देखाओल गेल. हुनकर स्वास्थ्य दिन-दिन खराब होइत गेल. करीब एक हफ्ता तक हमहू स्कूल नहिं गेलहुं. भरि दिन अंजू संगे खेलाइत रहैत छलहुं. बाद में अंजू बिछान पर से उठबा में सेहो असमर्थ भय गेलीह. ओहि बीच में एक बेर बाबा के दिल्ली जयबाक छलैन्हि. ओतय सं हमरा सभ लेल सनेस अनलैन्हि-कलम, जेकर रोशनाई बाहर से देखाइत रहय. अंजू आ हम एके रंग क कलम लेलहुं. ब्लू रंग के ढक्कन बाला. खूब खेलाइत रही दूनू गोटा. जाड़ मास रहैक. लाल काका (नरनाथ झा-हमर पापा से छोट भाई, जिनकर निधन 1973 में भय गेलैन्हि) सभ दरभंगा में रहथि. कूकू (लाल काका क जेठ बालक, जे हमरा गुरुदेव कहैत छलाह) क जन्मदिन रहैन्हि. हुनका लेल सूट बनबाओल गेल छल. सांझ में लाल काका सभ बाजार जाइ ले तैयार छलाह. ताबत अपन दीदी क चीत्कार सुनलहुं. पता चलल जे अंजू हमरा सभ के छोड़ि चल गेलीह. राति में हुनका सभ उठा कय लय गेलैन्हि. भोरे दाइजी उठौलैन्हि- चलू, अंजू के तिलांजलि दय दियौन.
स्कूल खुजला पर जखनि पहिल दिन गेलहुं, तं टिफिन क समय में शोक सभा रहैक. भीम दा छलाह हमर सबहक शिक्षक. ओ घोषणा कयलैन्हि-अंजू का निधन हो गया है. इसलिए स्कूल आज बंद रहेगा. हम आ बौआ भाई वापस डेरा अयलहुं. अंगना बरंडा पर खेनाई पर सभ बैसल रहैक. बूआ काका पुछलैन्हि- एखने. हम जवाब देलियैन्हि- छुट्टी भय गेल. फेर पुछलैन्हि- किया. हम कहलियैन्हि- अंजू मरि गेलीह, तें. अपन दीदी ओही ठाम रहथि. ओ कानय लगलीह. तखन आभास भेल जे गलती भय गेल.
अस्तु, अंजू क मृत्यु क बहुत दिन बाद तक हमरा लगैत छल जे किछु हेराय गेल अछि. जखन चारिम क्लास में गेलहुं आ नब-नब किताब सभ भेटल, सामान्य भय सकलहुं.

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