Saturday, December 29, 2007

बाबा क नाम पर वेबसाइट आ हमर उपनयन

भुवन दिल्ली से फोन पर सूचित कयलैन्हि जे ओ बाबा क नाम पर एकटा वेबसाइट शुरू कयलैन्हि। भुवन हमर सबसे छोट पित्ती श्री विद्यानाथ झा, जिनका हम सभ नुनू काका कहैत छियैन्हि, क ज्येष्ठ पुत्र छथि आ संप्रति दिल्ली में छथि। बाबा क नाम पर वेबसाइट के पता अछि http://www.ramanathjha.com/ एहि पर एखनि तक खाली शीर्षक आ बाबा क फोटो देल गेल अछि। प्रायः सुमन (हमर तेसर पित्ती दुर्गानाथ झा, जिनका हम सभ बूआ काका कहैत रहियैन्हि आ आब ओ नहिं छथि, क ज्येष्ठ पुत्र आ संप्रति भारतीय रिजर्व बैंक क कानपुर शाखा में पदस्थापित) ओ फोटो देलखिन्ह अछि। वेबसाइट देखि प्रसन्नता भेल। आइ-काल्हि ओहि वेबसाइट ले सामग्री तैयार कय रहल छी।
एहि क्रम में बाबा क विषय में किछु आओर गप्प मोन पड़ल। बाबा 1971 में दुखित पड़ि गेल रहथि। हमर दीदी (इला) क विवाह आ हमर उपनयन क चिंता हुनका रहैन्हि। 1971 क जनवरी में दीदी क विवाह भय गेलैन्हि आ तकर बाद हमर उपनयन क दिन निश्चय भेल छह जुलाई। बाबा आचार्य बनबा लेल तैयार रहथि। डाक्टर कहने रहैन्हि जे दवाई नियमित खयबाक अछि। तखन एकभुक्त कोना करितथि। बाबा उपाय कयलैन्हि-स्टेपनी आचार्य क व्यवस्था भेल। बाउ बाबा (रविनाथ झा) स्टेपनी आचार्य बनलाह। केश कटा, एकभुक्त कय तैयार रहथि जे यदि बाबा का मोन खराब होयतैन्हि, तं ओ आचार्य बनि जयताह। मुदा बाबा सभटा विधि पूरा कयलैन्हि। हमरा जनौ पड़ि गेल। बाबा क देल पवित्री (जनौ में लगयबा लेल चानी क औंठी) आइयो हमर जनौ में अछि। उपनयन क बाद नित्य तीन बेर संध्या वंदन करबाक आदेश भेटल। करैत रहलहुं। अमरकोष, महामृत्युंजय मंत्र आ भगवान क पूजा क सभटा विधि बाबा सिखौलैन्हि। जनौ गेठियैब आ नैवेद्य क मंत्र नुनू काका आ ओझा भोगनाथ झा सिखौलैन्हि।
अगिला बेर बाबा क दुर्गा पोथी में नुका देलियैन्हि भीख क टाका।

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